US Visa हुआ ₹40,000 का! ट्रंप के नए नियमों से टूट रहे भारतीयों के सपने

Written by: Nitin

Published on:

Follow Us
Join Our WhatsApp Group

US Visa: अगर आपका सपना है अमेरिका घूमने या पढ़ने का, तो यह खबर आपके दिल को थोड़ी चुभ सकती है। अमेरिका जाने की चाहत अब पहले से कहीं ज्यादा खर्चीली और जटिल हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के नए US Visa नियमों ने खासकर भारतीय पर्यटकों, छात्रों और प्रोफेशनल्स की राह मुश्किल कर दी है। जो लोग अमेरिका की धरती पर अपने सपनों को सच होते देखना चाहते थे, उन्हें अब पहले जेब पर बड़ा भार उठाना होगा।

US Visa शुल्क में भारी बढ़ोतरी

US Visa

ट्रंप सरकार ने 1 अक्टूबर से एक नया ‘US Visa इंटेग्रिटी फ़ीस’ लागू करने का निर्णय लिया है, जिसकी राशि $250 यानी लगभग ₹22,000 होगी। इस शुल्क के साथ US Visa की कुल कीमत अब बढ़कर $442 यानी लगभग ₹40,000 तक पहुंच गई है। यह नया नियम भारत, चीन, मैक्सिको, ब्राज़ील और अर्जेंटीना जैसे देशों के नागरिकों पर लागू होगा।

भारतीय यात्रियों पर सीधा असर

US Visa बदलाव से उन लाखों भारतीयों को झटका लगा है, जो सालों से अमेरिका घूमने, पढ़ाई करने या व्यापार के लिए जाने की योजना बना रहे थे। पहले ही भारतीय पर्यटकों की संख्या में 2.5% की गिरावट देखी गई थी, और अब US Visa फीस में इस उछाल से यह गिरावट और तेज़ हो सकती है।

छात्रों पर दोहरी मार: सिक्योरिटी बॉन्ड की चुनौती

केवल पर्यटक ही नहीं, भारतीय छात्र भी इस नीति का बड़ा खामियाज़ा भुगत रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने एक और कठोर नियम के तहत, विदेशी छात्रों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वालों और मीडिया कर्मियों से $15,000 (लगभग ₹12 लाख) तक की ‘सिक्योरिटी बॉन्ड’ जमा करने की योजना बनाई है।

इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लोग US Visa की वैधता समाप्त होने के बाद अमेरिका में अवैध रूप से न रुकें। लेकिन दुर्भाग्यवश इसका सीधा असर उन ईमानदार छात्रों और पेशेवरों पर पड़ रहा है, जो अपने भविष्य को नई ऊंचाई देना चाहते हैं।

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में नामांकन पर असर

इस साल अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या में 18% तक की गिरावट देखी गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के 100 से अधिक कॉलेजों में 20% से ज़्यादा छात्र अंतरराष्ट्रीय होते हैं, लेकिन यह आंकड़ा ट्रंप की नीतियों के चलते 40% तक गिर सकता है।

इसका असर केवल छात्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिकी कॉलेजों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। कम अंतरराष्ट्रीय नामांकन का मतलब है कम रेवेन्यू, और नतीजतन, ज़रूरतमंद और प्रतिभाशाली छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप भी घट सकती है।

अमेरिकी पर्यटन उद्योग पर बुरा असर

इन कठोर नीतियों का असर अमेरिका की टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर भी पड़ा है। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई महीने में विदेशी यात्रियों की संख्या में सालाना 3.1% की गिरावट आई है और यह इस साल का पांचवां महीना है जब यात्रा क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई है।

बड़े इवेंट्स पर भी मंडरा रहा संकट

वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल का मानना है कि विदेशी यात्रियों की कमी से अमेरिका के यात्रा उद्योग की कमाई में भी भारी गिरावट आएगी। वर्ष 2024 में जहां विदेशी यात्रियों ने अमेरिका में $181 अरब डॉलर खर्च किए थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा घटकर $169 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

आने वाले वर्षों में अमेरिका में होने वाले बड़े आयोजनों जैसे कि 2026 फीफा वर्ल्ड कप और 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक पर भी इन नीतियों का असर पड़ सकता है।

निष्कर्ष में…

US Visa

अमेरिका का सपना अब पहले जितना आसान और सस्ता नहीं रहा। ट्रंप प्रशासन की ये नीतियाँ भले ही अवैध प्रवास को रोकने के लिए बनाई गई हों, लेकिन इनका असर उन करोड़ों लोगों पर भी पड़ रहा है जो ईमानदारी से यात्रा करना चाहते हैं, पढ़ाई करना चाहते हैं और एक बेहतर भविष्य बनाना चाहते हैं। अब अमेरिका की यात्रा केवल सपनों का नहीं, बल्कि जेब का भी बड़ा खेल बन चुकी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियाँ मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित हैं। नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, इसलिए किसी भी यात्रा या आवेदन से पहले आधिकारिक वेबसाइट या दूतावास से जानकारी की पुष्टि ज़रूर करें।

Also Read:

जानिए आज के ताज़ा Gold Prices और बनाएं समझदार निवेश, सोना खरीदने का सही वक्त?

PAN 2.0 लॉन्च – आपका पैन कार्ड अब होगा डिजिटल, मिलेगा फ्री में नया QR PAN

September 1 Rule Changes – GST, LPG की कीमतें और चांदी के नियम बदलेंगे

For Feedback - pjha62507@gmail.com