Earthquake: जब सुबह की शुरुआत हो रही थी और लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में जुटने की तैयारी कर रहे थे, तभी धरती ने झटका दिया। यह झटका केवल एक देश में नहीं, बल्कि भारत, ताजिकिस्तान और ईरान तीन देशों में महसूस किया गया। इन देशों के अलग अलग हिस्सों में आए Earthquake ने लोगों के दिलों में डर भर दिया। कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, कुछ ने ईश्वर को याद किया और कई तो सहम से गए।
भारत के असम से शुरू हुआ कंपन
भारत में सबसे पहले Earthquake की शुरुआत असम राज्य से हुई, जहां इसकी तीव्रता 2.9 रिक्टर स्केल मापी गई। इसका केंद्र धरती से 40 किलोमीटर नीचे था। भले ही तीव्रता कम थी, लेकिन इसका असर लोगों के दिलों-दिमाग पर पड़ा। इससे पहले 8 जुलाई को भी असम के अंग्लोंग इलाके में 4.1 तीव्रता का Earthquake आया था, जिससे लोगों को दोबारा उसी डर का अनुभव हुआ। इस बार Earthquake के झटके भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए, जिससे डर का माहौल बन गया।
ताजिकिस्तान में आधी रात को कांपी धरती
भारत के बाद Earthquake की खबर आई ताजिकिस्तान से। वहां यह झटका रात करीब 1 बजे महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 दर्ज की गई और इसका केंद्र 160 किलोमीटर धरती के अंदर था। रात के सन्नाटे में जब लोग नींद में थे, तब अचानक आए झटकों से कई लोग जाग गए और डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।
ईरान में सुबह-सुबह 5.6 तीव्रता का Earthquake
सबसे ज्यादा तीव्रता का Earthquake ईरान में दर्ज किया गया, जहां सुबह के वक्त धरती 5.6 की तीव्रता से कांपी। हालांकि अब तक किसी तरह की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन Earthquake का डर हर किसी के मन में बैठ गया है।
सहमे लोग, लेकिन राहत की खबर
तीनों देशों में आए इन भूकंपों ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि प्रकृति कितनी ताकतवर है और इंसान कितना असहाय। हालांकि इस बार किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, यह बहुत बड़ी राहत की बात है। मगर यह चेतावनी भी है कि हमें आपदा प्रबंधन और जागरूकता को और मजबूत करना होगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध समाचार स्रोतों पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है। किसी भी स्थिति में इसे आधिकारिक पुष्टि का विकल्प न मानें। कृपया संबंधित आपदा प्रबंधन विभागों से आधिकारिक जानकारी जरूर प्राप्त करें।
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